Land Registry Documents: अब इन 5 दस्तावेजों के नहीं होगी प्रॉपर्टी रजिस्ट्री

Land Registry Documents: अब इन 5 दस्तावेजों के नहीं होगी प्रॉपर्टी रजिस्ट्री

आप सभी को बता दे जमीन से जुड़ी कोई जानकारी आपको आगे बतलाने जा रहा है आप सभी को पता ही होगा की संपत्ति कोई इकट्ठा करने के लिए बहुत डॉक्यूमेंट का जरूरत तो नहीं पड़ता है पर डॉक्यूमेंट को सही करना बहुत-बहुत बड़ी बात है इस समय में आप सभी को बता दे कि अगर कोई जमीन आप लोग दिए हैं और डॉक्यूमेंट में कोई दिक्कत है तो सभी को आप लोगों को सही करवाना बहुत जरूरी क्योंकि अगले आदमी आप लोग को आपसे ज्यादा दिक्कत का सहन करना पड़ेगा की समस्या को कैसे दूर करना पूरी जानकारी जाने जल्दी !

Berojgari Bhatta Yojana : सभी बेरोजगार युवाओं को हर महीने मिलेगी ₹3000 की सहायता राशि ऐसे आवेदन करें ! 

भारत में संपत्ति से जुड़े लेन-देन में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। अब जमीन की खरीद-बिक्री करते समय कुछ विशेष दस्तावेजों को अनिवार्य कर दिया गया है। इन नए प्रावधानों का मुख्य लक्ष्य नागरिकों को फर्जी दस्तावेजों और एक ही संपत्ति को बार-बार बेचने जैसी धोखाधड़ी से सुरक्षा प्रदान करना है। इन बदलावों से भूमि लेन-देन में पारदर्शिता आएगी और कानूनी प्रक्रिया अधिक सुरक्षित बनेगी।

रजिस्ट्री के लिए कौन-कौन सा डॉक्यूमेंट अनिवार्य है !

नई व्यवस्था के अंतर्गत खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए पैन कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह प्रावधान वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है। पैन कार्ड के माध्यम से संपत्ति की खरीद-बिक्री में होने वाले धन की जानकारी सीधे सरकारी अभिलेखों में दर्ज होगी। इससे काले धन के उपयोग पर प्रभावी रोक लगाने में मदद मिलेगी और टैक्स चोरी की संभावना कम होगी।

आधार कार्ड से होगा सटीक पहचान सत्यापन

आप सभी को बता देंगे भूमि का रजिस्ट्री करने के लिए आप लोग को यह बात जानना जरूरी है कौन-कौन से डॉक्यूमेंट को आप लोग को ले जाना सबसे पहले तक के वाला और खेत का नक्शा रहना जरूरी क्योंकि उसके बाद आप लोगों को पता करना है कौन से प्लॉट किसके नाम पर चढ़ा हुआ है खेत में जानकारी जाना बहुत ही जरूरी है क्योंकि आपका समय में कई लोग अपना जमीन दिखाओगे तौर पर लेते हैं और दूसरा नाम पर रेजिस्ट रहता है इससे अधिक दिक्कत का सामना करना पड़ता है !

भूमि रजिस्ट्री में आधार कार्ड को पहचान और निवास प्रमाण के रूप में अनिवार्य बना दिया गया है। आधार में मौजूद बायोमेट्रिक डेटा के कारण नकली पहचान बनाकर धोखाधड़ी करना लगभग असंभव हो जाएगा। यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि लेन-देन में शामिल व्यक्ति वास्तविक है। आधार से जुड़े डेटाबेस के माध्यम से सरकार संपत्ति मालिकों का सटीक रिकॉर्ड रख सकेगी, जिससे भविष्य में प्रशासनिक कार्य और टैक्स वसूली में सुविधा होगी।

Leave a Comment