UPI Payment New Rules : केंद्र सरकार का भयंकर फैसला! UPI के 5 नए नियम जारी।
आप सभी को बता देंगे जितने भी यूपीआई पेमेंट करने के लिए इस्तेमाल करते हैं सभी जगह पर हम सभी के लिए दो न्यूज़ आया है निकालकर जो आप लोगों को जाना बहुत जरूरी है आप सभी को बता दीजिए कैसा जरिया बन गए हैं ऑनलाइन के माध्यम से जो हर जगह पर इसका इस्तेमाल किया जाता है जिससे अधिक लोगों को आसानी से कोई भी काम को इसकी जगह किया जा सकता है यूपीआई बैंक खाता का एक सीधा-साधा उदाहरण है जिससे लेनदेन किया जाता है इसी के जरिए टैक्स कभी नियम तैयार होता है जिससे लेनदेन करने पर पुरी खाता का बुरा इसके माध्यम से लिंक होकर सभी चीज पता चलता है जैसे कितना रुपए निकल गया कितना रुपया डाला गया प्रत्येक में की सूची उसमें यूपीआई के जरिए भी पता कर सकते हैं आप सभी को बता देंगे यूपीआई जो इस्तेमाल कर रहे हैं उन सभी लोगों को कितना रुपए टैक्स देना होगा नया नियम के अनुसार से पूरी जानकारी आपको इस पोस्ट के माध्यम से समझने को मिलेगा ।
सितंबर 2025 में NPCI (National Payments Corporation of India) ने टैक्स भुगतान आदि से संबंधित कुछ कैटेगरी के लिए UPI के प्रतिदिन और प्रति ट्रांजेक्शन लिमिट में वृद्धि की है। कुछ खास कैटेगरीज में जैसे टैक्स पेमेंट, इंश्योरेंस प्रीमियम, कैपिटल मार्केट्स और सरकारी ई-मार्केटप्लेस में प्रति ट्रांजेक्शन ₹5 लाख और दैनिक ₹10 लाख तक ट्रांजेक्शन की अनुमति मिलेगी। बाकि सामान्य व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) लेनदेन की सीमा अब भी ₹1 लाख प्रतिदिन ही है। आप सभी को यूपीआई इस्तेमाल करने के लिए कुछ नियमों को पालन करते हुए अगर आप लोग इस्तेमाल करते हैं तो आप लोग किसी जगह पर ₹1 देने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि सरकार द्वारा जो भी राशि लिया जाता है वह कौन सी काट लिया था यूपीआई के जरिए आप लोगों को पैसा कुछ अलग से एक वर्ष में कुछ काटा जाता है जो की 100 से ₹200 के बीच में सरकार द्वारा राशि की लिया किया जाता है ।
UPI Transaction Latest update 2025
अप एक ऐसा संस्था है या फिर जरिया इसको बोल सकते हैं क्योंकि सभी जगह पर इसका इस्तेमाल पूर्ण तरीका से किया जाता है जिससे लेनदेन की पूरी जानकारी अब वह ब्यूरो डिटेल्स के साथ आपको समझना और देखने को मिलेगा ।
टैक्स की दृष्टि से महत्वपूर्ण यह है कि टैक्स विभाग के लिए असामान्य या संदिग्ध लेनदेन सूचना में आ जाते हैं, उसके आधार पर जांच होती है, न कि केवल UPI के लेनदेन की राशि के आधार पर। इसलिए अगर कोई व्यक्ति साल में UPI के जरिए ₹10 लाख, ₹20 लाख या उससे ज्यादा लेनदेन करता है, तो टैक्स तभी देना पड़ेगा जब वह आय टैक्स नियमों के अनुसार टैक्सेबल आय के अंतर्गत आए।
इसलिए UPI से साल नया कितना लेन-देन टैक्स फ्री होगा, इसका निर्धारण टिपिकल टैक्स के नियमों पर निर्भर करता है, न कि UPI पर कोई सीधे लिमिट से। लेकिन सुविधा के लिए लेनदेन की उच्च सीमा बढ़ाई गई है ताकि बड़े भुगतान भी डिजिटल रूप से सरल हो सकें।
UPI से साल में कितना लेन-देन करें कि टैक्स न देना पड़ेगा ।
UPI से टैक्स का निर्धारण केवल लेनदेन सीमा से नहीं, बल्कि आपकी कुल आय और टैक्स नियमों से होता है।
NPCI के नियमों के अनुसार, टैक्स संबंधी कैटेगरीज में प्रति ट्रांजेक्शन ₹5 लाख और दैनिक सीमा ₹10 लाख है।
आम P2P लेनदेन के लिए दैनिक सीमा ₹1 लाख बनी हुई है।
टैक्स से बचने के लिए वैध आय अनुसार टैक्स रिटर्न फाइल करें, ट्रांजेक्शन स्रोत को क्लियर रखें।
यह नियम भारत सरकार और NPCI द्वारा 15 सितंबर 2025 से प्रभावी हुए हैं, और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं। इसलिए डिजिटल ट्रांजेक्शन की सुविधा बढ़ी है, लेकिन टैक्स नियम सभी आय पर लागू होंगे, न कि केवल UPI लेनदेन पर ही।